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आर्चीटेक्ट्स जयपुर – मुफ़्त वास्तु सलाह

हमारी कंपनी – “वास्तुशुभ डिज़ाइनस” पूरे भारत में वास्तु शास्त्र से सम्बंधित जानकारी मुफ्त उपलब्ध करवाती है। आप भी हमारे आर्चीटेक्ट्स जयपुर से अपने घर , ऑफिस , फैक्ट्री , आदि के लिए वास्तु ज्ञान प्राप्त कर सकते है। हमारी मुफ्त वास्तु सलाह का उपयोग करना बहुत आसान है। इसके लिए आप निम्न में से कोई एक तरीके का इस्तेमाल कर सकते है।

इससे पहले की हम आपको इस ऑफर के बारे में बताये – पहले यह बता दें की यह कैसे कार्य करता है।

आर्चीटेक्ट्स जयपुर प्रक्रिया

आपको वास्तु की जानकारी देने से पहले यह आवश्यक है की हम आपकी आवश्यकता जान ले। आपकी जरुरत के हिसाब से हम आपको हमारे वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ या रजिस्टर्ड आर्किटेक्ट से मिलाते है। आप अपने सभी प्रश्न हमारे विशेषज्ञ से पूछ सकते है। वास्तु फॉर होम , फैक्ट्री , ऑफिस या फार्म हाउस के लिए वास्तुशास्त्र के अलग – अलग नियम लागू होते है।

हमारे वास्तु विशेषज्ञ की राय के बाद हम आपको हमारे आर्किटेक्टस जयपुर से मिलवाते है। ये आपको दी हुई सलाह को बनावट की दृष्टि से उपयोगी / अनुपयोगी होने की जानकारी देते है। इस प्रकार से हम सुनिश्चित कर लेते है की आपको मिलने वाली राय वास्तु और कंस्ट्रक्शन – दोनों ही तरह से उपयोगी सिद्ध हो।

मुफ्त आर्किटेक्ट वास्तु सलाह प्राप्त करने का तरीका

जैसा की हमने आपको पहले अवगत करवाया – 2 तरीकों से आप हमारी मुफ्त वास्तु सलाह ऑफर स्कीम का आनंद ले सकते है। यह दोनों तरीके इस प्रकार है :

  1. फ़ोन के माध्यम से – इसके लिए आप हमारे कॉन्टेक्ट्स पेज पर दिए हुए फ़ोन नंबर पर कभी भी कॉल कर सकते है। आप चाहे तो हम से व्हाट्सप्प / फेसबुक या अन्य माध्यमों से भी जुड़ सकते है। हमारी इस ऑफर स्कीम के तहत फ़ोन पर रायशुमारी बिलकुल मुफ्त है।
  2. आर्चीटेक्ट्स जयपुर वेबसाइट से – वेबसाइट के जरिये हमसे जुड़ने के लिए कृपया अपना मोबाइल नंबर यहाँ दिए हुए फॉर्म में भर दे। हम जल्द से जल्द आपको संपर्क करने का प्रयत्न करेंगे।

हिंदी में वास्तु की जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करे।

February 26, 2019 by Vastu & Design 1 Comment

हिंदी वास्तु के अनुसार घर की डिज़ाइन

वास्तु के अनुसार बनी घर की डिज़ाइन शुभ मानी जाती है। हिंदी में वास्तु शास्त्र (Vastu in Hindi) की जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट से जुड़े रहे। आज हम आपको बताएँगे की एक अच्छे घर के लिए आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

अपने घर में प्रवेश का द्वार उत्तर पूर्व की दिशा में रखे। इस दिशा को ईशान कोण भी कहा जाता है। माना जाता है की ईशान कोण में घर का प्रवेश द्वार होने से खुशहाली आती है। वास्तु के अनुसार यह दिशा जल देवता का स्थान है। अतः इस दिशा में पानी के भंडारण की व्यवस्था करनी चाहिए। पूजा रूम हिंदी वास्तु के अनुसार इसी दिशा में बनाना चाहिए।

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घर के मध्य की जगह को ब्रह्म भाग कहा जाता है। वास्तु इन हिंदी नियम के अनुसार इस भाग को खाली छोड़ना चाहिए। अगर संभव हो तो इस हिस्से में छत भी नहीं डालनी चाहिए। बनावट की दृष्टि से यह घर का सबसे हल्का भाग हो तो बेहतर होगा। यहाँ पर तुलसी के पौधे को लगाना अति शुभ माना जाता है। ब्रह्म भाग से आने वाला उजाला घर में प्रकाश की कमी नहीं रहने देता। इससे रहवासियों का स्वस्थ्य भी स्थिर बना रहता है।

वास्तु इन हिंदी नियमों से सीखें

अपना घर बनाने से पहले किसी अच्छे वास्तु एक्सपर्ट की राय अवश्य लें। मकान बार – बार नहीं बनता। इसलिए कोशिश रहे की इसका निर्माण वास्तु दोष रहित हो। वास्तुशास्त्र के अनुसार बने घरों में शुद्ध ऊर्जा का प्रवाह रहता है। दूकान या फैक्ट्री बनाते समय भी इन नियमों का पालन करना लक्ष्मी को प्रसन्न रखता है। बहरहाल, व्यावसायिक गतिविधियों के लिए वास्तु थोड़ा अलग होता है।

वास्तु के नियमों की जानकारी आप हमसे हिंदी और इंग्लिश में प्राप्त कर सकते है। अतः , यहाँ दिए हुए फॉर्म में अपनी जानकारी हमे भेजें। आप चाहें तो Vastu In Hindi के लिए हमें अपने घर भी बुला सकते है।

January 21, 2019 by Vastu & Design 0 Comments

Manaiyadi Shastra in Hindi by Experts

Manaiyadi Shastra is also known as South Indian Vastu. It was basically written in Tamil. Even now a days, most of regional population know it as Tamil Vastu. Our experts can describe you Manaiyadi Shastra in Hindi. These Vastu concepts are designed for buildings in extreme Hot Tropical Climates such as South India.

Origin of Manaiyadi Shastra in Hindi

The Manaiyadi Shastra is an ancient South Indian book. The concepts of South Indian Vastu Shastra were given by various ancient Architects and Scholars. Therefore, there is no one particular writer or origin of this Art. Various collectors kept collecting knowledge on this art.

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Slowly, various architects and builders kept adding their views. Some South Indian Vastu tips distinguished due to lack of use or knowledge. Yet, most of them are being passed in generations by various vastu experts. Earlier, Scholars used to store ancient vastu books in universities like Takshila etc.

Need South Indian Vastu Guidance?

If you are looking for Vastu Indian Vastu Guidance or Tamil Vastu Consultancy – Feel free to contact us. Our Architects and Vastu Experts are happy to help. Rarely we get clients who understand the values of traditions and ancient knowledge. We are here to answer your questions and remedies. Also, there are very few people who still have good knowledge of Manaiyadi Shastra. Good for you, we are one of them.

Why is South Indian Vastu Different?

The South Indian Vastu or Tamil Vastu is based on very hot tropical climate as well as coastal areas. North Indian Vastu is based on buildings in Tropical and relatively cold areas. Manaiyadi Shastra talks about such environment’s effect on different kind of buildings. Also, South India has different direction for wind flow as compared to North India.

For more details on Manaiyadi Shastra in Hindi, you can call us at +91-9024784716 and request Free consultancy. We can also give you tips for Tamil Vastu in Hindi.